अमेरिकी टैरिफ़ का सर्वाधिक असर कानपुर-उन्नाव के चमड़ा उद्योग पर

कानपुर। अमेरिका द्वारा भारत से आयातित उत्पादों पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने की घोषणा से कानपुर-उन्नाव का चमड़ा उद्योग गहरे संकट में है। इस क्षेत्र से अमेरिका को हर साल क़रीब दो हज़ार करोड़ रुपये का लेदर निर्यात होता है। काउंसिल फ़ॉर लेदर एक्सपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने 2022-23 में अमेरिका को 1.17 अरब डॉलर के चमड़ा उत्पाद भेजे थे, जो 2023-24 में घटकर क़रीब 89 करोड़ डॉलर रह गए। यानी दो साल में 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई।

भारत से अमेरिका को होने वाले लेदर निर्यात का 20 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश के कानपुर-उन्नाव क्लस्टर से आता है। यहां की टैनरीज़ और फ़ैक्ट्रियां दशकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखती हैं। अनुमान है कि इस उद्योग से एक लाख लोग सीधे और लगभग पांच लाख लोग परोक्ष रूप से जुड़े हैं। लेकिन टैरिफ़ बढ़ने के बाद न केवल निर्यातक ऑर्डर रुकने से परेशान हैं बल्कि फ़ैक्ट्रियों में काम करने वाले मज़दूरों की रोज़ी-रोटी पर भी संकट मंडरा रहा है। क़रीब 400 टैनरीज़ और 400 से 500 लेदर गुड्स यूनिट्स पर असर पड़ने का अनुमान है। व्यापारियों और मज़दूरों दोनों की नज़र अब सरकार और अंतरराष्ट्रीय बातचीत पर टिकी है, जिससे इस उद्योग को राहत मिल सके।

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